जब जब दर्द का बादल छाया
जब गम का साया लहराया
जब आंसू पलकों तक आया
जब येह तनहा दिल घबराया
हमने दिल को येह समझाया
...दिल आखिर तू क्यूँ रोता है
दुनिया में यूँही होता है
यह जो गेहरे सन्नाटे हैं
वक़्त ने सबको ही बांटे हैं
थोडा गम है सबका किस्सा
थोड़ी धुप है सबका हिस्सा
आँख तेरी बेकार ही नम है
हर पल एक नया मौसम है
क्यूँ तू ऐसे पल खोता है
दिल आखिर तू क्यूँ रोता है.....!!!!!See More
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