Beyond Words
Monday, July 25, 2011
अरमाँ झूठा ही दिल मे जगा लिया मैने
इक दिन झूठी खुशी से बिता लिया मैने
जिद थी समंदर को चिढ़ाने की
रेत पर घर बना लिया मैने
दिल को सुकून देने को एक परिँदा उड़ा लिया .
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