Wednesday, September 7, 2011

मुश्किलों में न मुस्कुराते तो क्या करते
अपनी हार का जश्न न मनाते तो क्या करते
अँधेरा आया था मांगने उजाले की भीख
अपना घर न जलाते तो क्या करते .

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